सब्जियों के दाम निर्धारित कर दिए गए

सब्जियों के दाम निर्धारित कर दिए गए


जिला प्रशासन द्वारा रतलाम शहर में उपलब्ध कराई जा रही सब्जियों के दाम भी निर्धारित कर दिए गए हैं जिससे शहर के उपभोक्ताओं को एक समान दर पर सब्जी तथा फल उपलब्ध हो सके। सब्जी तथा फल विक्रेताओं से एक समान दर रखने हेतु उनकी सहमती भी ली गई है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बताया कि निर्धारित किए गए दामों के तहत भिंडी 20 रूपए प्रति किलो, ग्राम टमाटर 15 रूपए प्रति किलो, हरी मिर्ची 20 रूपए प्रति किलो, लोकी 15 रूपए प्रति किलो, पत्ता गोभी तथा फूलगोभी 15 रूपए प्रति किलो, फैंसी 25 प्रति किलो रूपए करेला 25 रूपए प्रति किलो, ककड़ी 15 रूपए प्रति किलो, आलू 20 प्रति रूपए किलो, प्याज 15 रूपए प्रति किलो, लहसुन 60 रूपए प्रति किलो, अदरक 60 रूपए प्रति किलो, बैंगन 10 प्रति रूपए किलो, तोरई तथा गिलकी 25 रूपए प्रति किलो, संतरा 30 प्रति रूपए किलो, तरबूज 15 रूपए प्रति किलो, अंगूर 30 रूपए प्रति किलो, खरबूजा 15 रूपए प्रति किलो, केला 20 रूपए प्रति किलो, पपीता 20 रूपए प्रति किलो तथा आम 60 रूपए प्रति किलोग्राम मूल्य निर्धारित किया गया है। कलेक्टर ने बताया कि शहर में सब्जियों की आपूर्ति की व्यवस्था निरंतर सुलभ रूप से की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर वाहनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।



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प्रदेश की डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर की दरें निर्धारित रतलाम 3 अप्रैल 2020/ आबकारी आयुक्त श्री राजेश बहुगुणा ने प्रदेश की सभी डिस्टलरीज को सेनेटाइजर की बोतलों में विक्रय मूल्य अंकित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अपेक्षा की है कि प्रदेश में कोरोना वायरस इस राष्ट्रीय आपदा के मद्देनजर 180 एमएल की 50 बोतलों की पेटी की शासकीय आपूर्ति के लिये जीएसटी सहित कीमत 1800 रूपये और गैर शासकीय आपूर्ति/विक्रय के लिये अधिकतम 2100 रूपये से अधिक नहीं रखें। श्री बहुगुणा ने कहा है कि 180 एमएल की प्रत्येक बोतल में एमआरपी जीएसटी सहित 60 रूपये से अधिक और 90 एमएल की बोतल में 30 रूपये से अधिक अंकित नहीं करें। इससे विक्रेताओं को राष्ट्रीय आपदा के समय अनुचित लाभ लेने से रोका जा सकेगा। यदि 180 एमएल की बोतलों की अधिक मात्रा जैसे 5, 10, 20 लीटर आदि में यह आपूर्ति शासकीय संस्थाओं में की जाती है, तो 175 रूपये प्रति बल्क लीटर और गैर शासकीय संस्थाओं को 190 रूपये प्रति बल्क लीटर जीएसटी सहित आपूर्ति की जाये। प्रदेश की डिस्टलरियों में निर्मित सेनेटाइजर को संभागीय आयुक्त/जिला कलेक्टर के नियंत्रण में आबकारी विभाग के डिपो में रखा गया है। संभागीय आयुक्त इच्छानुसार इसे जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला डिपो में संग्रहित करवा सकते हैं। शासकीय जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में सेनेटाइजर उपलब्ध होने पर इसे मेडिकल स्टोर/विक्रय स्थलों पर ड्रग निरीक्षक के माध्यम से आमजन को विक्रय के लिये उपलब्ध करवा सकते हैं। ऐसे विक्रय स्थलों पर आवश्यक रूप से बाहर एक नोटिस बोर्ड पर यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि दुकान में कितना सेनेटाइजर उपलब्ध है और उपभोक्ता के लिये इसके विक्रय मूल्य क्या है। श्री बहुगुणा ने कहा है कि 20 सेकेण्ड तक साबुन से हाथ धोने पर वही प्रभाव होता है, जो सेनेटाइजर के उपयोग से होता है। उन्होंने कहा है कि शासकीय डिपो में सेनेटाइजर का पर्याप्त स्टॉक है तो डिस्टलरी के संचालक संभागीय आयुक्त से अनापत्ति प्राप्त कर खुले बाजार में भी इसे बेच सकते हैं। उन्होंने सभी संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को प्रदेश के डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर के मूल्य एवं विक्रय/वितरण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
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